घमण्डीलाल अग्रवाल और चक्रधर शुक्ल को
मिला प्रभा स्मृति
सम्मान
बाल प्रभा पत्रिका का
हुआ विमोचन बच्चों ने भी
किया कविता पाठ
शाहजहांपुर/15 दिसंबर 2019
गांधी पुस्तकालय द्वारा
आयोजित प्रभा स्मृति
बाल साहित्य सम्मान
समारोह में देश
के नामचीन बाल
साहित्य लेखक एकत्र
हुए। गुड़गांव, हरियाणा के सुप्रसिद्ध बाल
साहित्यकार श्री घमंडीलाल अग्रवाल को सातवां और
कानपुर के चक्रधर शुक्ल को आठवाँ प्रभा स्मृति बाल साहित्य सम्मान प्रदान किया गया।
कानपुर के चक्रधर शुक्ल को आठवाँ प्रभा स्मृति बाल साहित्य सम्मान प्रदान किया गया।
समारोह अध्यक्ष कार्यवाहक जिलाधिकारी महेंद्र सिंह
तंवर ने सम्मान
स्वरूप दोनों रचनाकार को
प्रशस्ति पत्र, प्रतीक
चिन्ह, अंग वस्त्र,
श्रीफल और तीन
हजार एक सौ
रूपये की राशि
भेंट की।
झांसी के राजा भइया गुप्ता, राजाभ, लखीमपुर खीरी के रामकुमार गुप्त, लखनऊ के गौरी शंकर वैश्य विनम्र और बृजेश मिश्र, राघव शुक्ल, दिनेश रस्तोगी, डॉ. नागेश पांडेय, डॉ. अरशद खान के अतिरिक्त
सृष्टि पांडेय, निवेदिता, शगुन, मोहिनी,शिल्पी, सरिता देवी, मुस्कान, दिव्यांशी,
अनन्या गुप्त, आरुष, मुस्कान, प्रतीक, गोविंद, दक्षिता, काव्या, उत्कर्ष, अभियुग, ओजस्वी, अर्णव, पहल गुप्ता आदि बच्चों ने कविताएँ सुनाईं।
समारोह अध्यक्ष महेंद्र सिंह तंवर
उन्होंने कहा
कि बाल साहित्य के अभाव
में उन्नत राष्ट्र की
कल्पना नहीं की
जा सकती। बाल
साहित्य हमारी सभ्यता
और संस्कृति का
संरक्षक है।
अध्यक्ष महोदय का सम्मान
बालकविता गोष्ठी
का भी आयोजन
किया गया जिसमे
झांसी के राजा भइया गुप्ता, राजाभ, लखीमपुर खीरी के रामकुमार गुप्त, लखनऊ के गौरी शंकर वैश्य विनम्र और बृजेश मिश्र, राघव शुक्ल, दिनेश रस्तोगी, डॉ. नागेश पांडेय, डॉ. अरशद खान के अतिरिक्त
सृष्टि पांडेय, निवेदिता, शगुन, मोहिनी,शिल्पी, सरिता देवी, मुस्कान, दिव्यांशी,
अनन्या गुप्त, आरुष, मुस्कान, प्रतीक, गोविंद, दक्षिता, काव्या, उत्कर्ष, अभियुग, ओजस्वी, अर्णव, पहल गुप्ता आदि बच्चों ने कविताएँ सुनाईं।
सभी
बच्चों को प्रशस्ति पत्र
और चाकलेट, पेंसिल,
बाल साहित्य भेंट
कर पुरस्कृत किया
गया।
मुख्य अतिथि न्यायमूर्ति वी
सी गुप्त ने
कहा कि बच्चों
के हाथों में
बाल साहित्य की
पुस्तक देने का
अर्थ उनके सपनों
को पंख देना
है। साहित्य बच्चों
को सोच और
संस्कार देता है।
सौ से अधिक
पुस्तकों के लेखक
घमंडी लाल अग्रवाल ने
कहा कि बच्चों
का सहित्य युगीन
परिवेश से युक्त
होना चाहिए।
कानपुर से पधारे
कवि चक्रधर शुक्ल
ने कहा कि
जन्मदिन पर बच्चों
को बाल साहित्य भेंट
करने की परंपरा
विकसित होनी चाहिए।
विशिष्ट अतिथि इंडिया लिटरेसी बोर्ड
की मासिक पत्रिका उजाला
के सम्पादक लायक
राम मानव ने
बाल साहित्य के
प्रति अभिभावको की
जागरूकता को अनिवार्य बताया। उनको सम्मानित भी किया गया
इस अवसर पर डॉ नागेश पांडेय संजय के सम्पादन में प्रकाशित
इस अवसर पर डॉ नागेश पांडेय संजय के सम्पादन में प्रकाशित
बाल पत्रिका 'बाल
प्रभा' के नए
अंक का लोकार्पण भी
किया गया।
डॉ नागेश ने कहा कि बच्चों को उत्तम साहित्य उपलब्ध कराना समाज का नैतिक दायित्व है। उन्होंने कहा कि बाल साहित्य बच्चों को उत्तम संस्कार देने वाला होना चाहिए।
डॉ नागेश ने कहा कि बच्चों को उत्तम साहित्य उपलब्ध कराना समाज का नैतिक दायित्व है। उन्होंने कहा कि बाल साहित्य बच्चों को उत्तम संस्कार देने वाला होना चाहिए।
डॉ हरिओम त्रिपाठी ने
कहा कि बाल
साहित्य का महत्व
हर युग हर
काल मे रहा
है। आज का
साहित्य बच्चों की
नई सोच को
ध्यान में रखकर
लिखा जाना चाहिए।
विजय ठाकुर और
रामकुमार गुप्त की
पुस्तकों का लोकार्पण भी
हुआ।
समारोह में डॉ
आफ़ताब अख्तर, अभिषेक
औदीच्य, डॉ इरफान
ह्यूमन, अखिलेश साहनी,
ओमकार मनीषी, ओम
प्रकाश अडिग, आशा
गुप्ता, कमलशील शुक्ल,
विवेकराज, डॉ. साजिद
खान, राहुल अवस्थी,
अनूप गुप्त, आशीष भारद्वाज, उमेश
सिंह, राजीव गुप्त,
भावशील शुक्ल की
उल्लेखनीय उपस्थिति थी।