डा. बलजीत सिंह को तृतीय प्रभा स्मृति बाल साहित्य सम्मान
बच्चों की नयी पत्रिका ‘बाल प्रभा‘ का हुआ विमोचन
शाहजहांपुर
गाँधी पुस्तकालय द्वारा प्रतिवर्ष दिया जाने वाला प्रभा स्मृति बाल साहित्य सम्मान इस बार बिजनौर के डा. बलजीत सिंह जी को प्रदान किया गया।
सम्मान स्वरुप पुस्तकालय सचिव अजय गुप्त और प्रभा के पति अनूप गुप्त ने उन्हें प्रशस्ति पत्र, प्रतीक चिन्ह, अंग वस्त्र, नारियल और इक्कीस सौ रूपये की राशि भेंट की ।
डा. बलजीत वर्धमान कालेज,बिजनौर के पूर्व अंग्रेजी विभागाध्यक्ष हैं और साहित्य के क्षेत्र में उनकी 12 पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं।
सम्मान प्राप्त करने के बाद डा. बलजीत सिंह ने कहा निष्पक्ष भाव से मिले इस पुरस्कार को पाकर वह स्वयं को धन्य अनुभव कर रहे हैं। आज बच्चो को अपनी संस्कृति से जोड़ने के लिए विशेष प्रयासों की आवश्यकता है।
इस अवसर पर गाँधी पुस्तकालय द्वारा प्रकाशित बच्चों के लिए पत्रिका ' बाल प्रभा' का विमोचन किया गया। इसका संपादन नागेश पांडेय ‘संजय’ने किया है।
‘बाल साहित्य के समक्ष पठनीयता का संकट‘ विषय पर संगोष्ठी भी आयोजित की गयी। जिसकी अध्यक्षता भीलवाड़ा, राजस्थान से प्रकाशित मासिक ‘बाल वाटिका‘ के संपादक डा. भैरूंलाल गर्ग जी ने की। उन्होंने कहा कि बदलती रूचि को ध्यान में रखकर युगानुकूल बाल साहित्य लिखा जाना चाहिए।
मुख्य अतिथि के रूप दिल्ली विश्वविद्यालय से पधारी बाल साहित्य की प्रसिद्ध लेखिका डा. शकुन्तला कालरा जी ने अपने संबोधन बच्चो तक बाल साहित्य पहुंचाने के लिए उचित नेटवर्क न होने पर चिंता व्यक्त की।
डा. राष्ट्रबंधु, कानपुर ने बाल साहित्य के प्रचार -प्रसार हेतु बाल साहित्यकारों को आगे आने की बात कही
समारोह में निर्मला सिंह बरेली की तीन पुस्तकों : मैं जंगल का राजा हूँ , एकता में बल है , मेरा गाँव तथा फतेहगढ़ के राकेश चक्र की पुस्तक मातृभूमि है वीरों की का लोकार्पण भी किया गया।
प्रारंभ में मंचस्थ जनों द्वारा सरस्वती माल्यार्पण के पश्चात एक बच्ची साक्षी द्वारा
वंदना प्रस्तुत की गयी। स्वागत भाषण डा. हरिओम त्रिपाठी ने दिया।
डा. राष्ट्रबंधु, कानपुर, डा. विनोद रस्तोगी,, बरेली, अरूण अदीब , राजस्थान, डा. अमित, पीलीभीत, रावेन्द्र कुमार रवि, कुमार गुलशन, ज्ञानेंद्र मोहन ज्ञान, मधु सिंह, देशबंधु, सहित अनेक बच्चों ने बाल कविता पाठ किया।
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समारोह में बसंत लाल खन्ना, ओम प्रकाश अडिग, विजय कुमार, ओंकार मनीषी , पंकज मिश्र अटल, अरविंद राज, डा. राजकुमार शर्मा , डा. योगेंद्र, अख्तर शाहजहांपुरी, डा. सत्यप्रकाश मिश्र, ब्रजेश मिश्र, अरविंद मिश्र, डा. पंकज भार्गव , कमल शुक्ल, सुनैना अवस्थी, ब्रजेश पांडे, डा. प्रभात शुक्ल, डा. जे.एस.भदौरिया, सुधीर सिंह, डा. बलवीर शर्मा , महेश प्रजापति , डा. प्रशांत अग्निहोत्री, दीपक कंदर्प, आशा गुप्ता, प्रवीण, सुनील, आदि अनेक साहित्यप्रेमी उपस्थित थे।
संचालन डा. नागेश पांडेय ‘संजय’ और आभार शिवाजी गुप्त ने व्यक्त किया।
जब भी श्रेष्ठ साहित्यकार को 'सम्मान' दिया जाता है...
जवाब देंहटाएंतब 'सम्मान' भी अपने योग्य अधिकारी को पाकर सम्मानित होता है.
........ डॉ. बलजीत सिंह जी को इस 'सम्मान' की बधाई.
योग्य व्यक्ति को सम्मानित करने से सम्मान का भी सम्मान बढ़ता है. आप ने बहुत ही सही व सार्थक बात कही है आदरनीय प्रतुल बशिष्ठ जी.
हटाएंडॉ. बलजीत सिंह जी को हार्दिक बधाई....आयोजन के लिये शुभकामनायें !
जवाब देंहटाएंबाल प्रभा ...बहुत ही सुन्दर नाम है..और हमारे लिए खुशखबरी भी..आवरण कितना लवली है..बच्चों की फोटो देख कर पत्रिक के प्रति जिज्ञाश बढ़ गई है..विमोचन की फिर से बधाई. और डा. बलजीत सिंह को तृतीय प्रभा स्मृति बाल साहित्य सम्मान के लिए बधाई..
जवाब देंहटाएंडॉ. बलजीत सिंह जी को हार्दिक बधाई....आयोजन के लिये शुभकामनायें !
जवाब देंहटाएंआदरणीय संपादक जी। आपके संपादन में पत्रिका दीर्घ जीवन प्राप्त करेगी और लीक से हटकर प्रतिमान स्थापित करेगी। यही आशा है। पत्रिका का एक अंक उपलब्ध कराएंगे तो खुशी होगी। रचनात्मक और अन्य सहयोग भी निश्चित रूप से करेंगे ही। बधाई। -मनोहर चमोली ‘मनु’.पोस्ट बाॅक्स -23.भितांई, पौड़ी,पौड़ी गढ़वाल 246001. मेल-manuchamoli@gmail.com
जवाब देंहटाएंआदरणीय राजा चौरसिया जी से बच्चों का देश के आयोजन में मिला था. आप बहुत हसमुख और मिलनसार व्यक्ति है. आप को प्रतिभा को बाल साहित्य सम्मान से नवाज़ा जाना, वाकई तारीफेकाबील है. बधाई आप को और आदरणीय राजा चौरसिया जी को.
जवाब देंहटाएंबालप्रभा अपने नाम के अनुरूप बहुत सुंदर कवर और सामग्री से सुज्जित हो कर परकाशित होती है. इस में सामग्री चयन से ले कर संपादन और प्रकाशन सभी कार्य उम्दा ढंग से होते है. इस उतम पत्रिका के लिए बधाई.
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